Jharkhand JSSC PGT Teacher Syllabus: यदि आप भी कर रहे PGT टीचर बनने की तैयारी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) तो आपको यह पता होना ही चाहिए की PGT का Exam syllabus क्या है। और आपको इसकी प्रीवियस क्वेश्चन पेपर को भी सॉल्व करना चाहिए। ताकि आपको यह पता चल सके कि JSSC PGT Teacher की परीक्षा कैसे होती है। और आप कितने प्रश्नों के सही जवाब देने में सक्षम है, तो चलिए इसके बारे में जानते हैं पूरी डिटेल में कि कौन से विषय की सिलेबस क्या है, और प्रीवियस क्वेश्चन पेपर के बारे में।
Jharkhand JSSC PGT Teacher TGTTCE-2023 Regular Vacancy
Jharkhand JSSC PGT Teacher की भर्ती में भारत का कोई भी नागरिक आवेदन कर सकता है। झारखंड पीजीटी टीचर की भर्ती में 11 प्रकार के टीचरों की मांग की गई है. जिस में शामिल है, वाणिज्य विभाग के शिक्षक, जीव विज्ञान के शिक्षक, रसायन विज्ञान के शिक्षक, भूगोल के शिक्षक, हिंदी के शिक्षक, अर्थशास्त्र के शिक्षक, इतिहास के शिक्षक, संस्कृत के शिक्षक, भौतिक शास्त्र के शिक्षक. गणित के शिक्षक, अंग्रेजी के शिक्षक.
Jharkhand JSSC PGT Teacher TGTTCE-2023 Regular Vacancy Highlights |
भर्ती संस्था का नाम: | झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) |
Join our Telegram: | Join now |
Join Our WhatsApp Group: | Join now |
पद का नाम: | पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) |
JSSC PGT Teacher परीक्षा परिक्रिया: | (CBT) कम्प्यूटर आधारित परीक्षा |
JSSC PGT Teacher भर्ती के लिए योग्यता: | भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री, और B.Ed or M.Ed |
JSSC PGT Teacher Recruitment 2023 Age Limit: | Minimum: 18 Years Maximum: 40-45 Years |
JSSC PGT Teacher ऑफिसियल बेबसाइट: | jssc.nic.in |
JSSC PGT Teacher Exam का Syllabus
झारखंड PGT Teacher एग्जाम का सिलेबस जिस सभी विषय शामिल है लेकिन यदि आप झारखंड पीजीटी टीचर का परीक्षा देते हैं तो आपसे सभी विषयों के बारे में प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे आप जिस भी सब्जेक्ट के टीचर बनना चाहते हैं यह जिस भी सब्जेक्ट के टीचर के लिए एग्जाम दे रहे हैं उन्हीं सब्जेक्ट से आपसे प्रश्न पूछे जाएंगे लेकिन पीजीटी टीचर एग्जाम के सिलेबस में यह सभी सब्जेक्ट शामिल है
- Hindi
- English
- Biology
- Physics
- Mathematics
- Geography
- History
- Statistics
- Sanskrit
- Chemistry
- Economics
Jharkhand JSSC PGT Teacher Exam Kaise hota hai
Jharkhand JSSC PGT Exam Pattern: झारखंड PGT Teacher का एग्जाम दो चरणों में किया जाता है। पहला प्रारंभिक परीक्षा और दूसरा मुख्य परीक्षा होती है।
प्रारंभिक परीक्षा में PGT Teacher आपसे सभी विषयों से जुड़े सामान्य जानकारियों के प्रश्न पूछे जाते हैं, और इसका 1 पेपर होता है जैसे:- सामान्य ज्ञान, सामान्य हिंदी, सामान्य भूगोल, सामान्य इतिहास, सामान्य गणित, कुल मिलाकर सभी विषयों से जुड़े सामान्य जानकारियों के बारे में प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में प्रश्न पूछे जाते हैं जो कुल 3 घंटे का प्रश्न पत्र होता है जो 100 अंक के पेपर होते हैं।
मुख्य परीक्षा में दो परीक्षाएं होती हैं पहला पेपर जो होता है उस में सामान्य जानकारियां पूछी जाती हैं, जैसे:- सामान्य हिंदी की जानकारी सामान्य ज्ञान हिंदी व्याकरण सामान्य गणित के प्रश्न सामान्य इतिहास सामान्य विज्ञान सामान्य भूगोल समसामयिक विषय करंट अफेयर सामाजिक कल्याण सामाजिक नियम और मानसिक क्षमता जांच कंप्यूटर का मूलभूत गया तथा झारखंड राज्य से संबंधित ज्ञान के प्रश्न और भी ऐसे सामान्य जानकारियों के बारे में पहली पेपर में प्रश्न पूछे जाते हैं।
दूसरा पेपर इस PGT Teacher परीक्षा में संबंधित विषय की परीक्षा की जाती है. या नहीं जिस विषय के टीचर आप बनना चाहते हैं उस विषय की परीक्षा ली जाती है जिसमें स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्ति की जानी होती है और इस परीक्षा में स्नातक स्तरीय प्रश्न पूछे जाते हैं जिस परीक्षा की अवधि 3 घंटे की होती है।
JSSC PGT Hindi syllabus
Jharkhand PGT Teacher हिंदी टीचर का सिलेबस हिंदी से जुड़े पूरी डिटेल में प्रश्न पूछे जाते हैं। यदि आप हिंदी के टीचर बनना चाहते हैं तो आपको इन विषयों के बारे में ध्यान से देखना चाहिए।
- अपभ्रंश, अवहट्ट, और पुरानी हिंदी की भाषिक विशेषताएं।
- मध्यकाल में अवधी और ब्रज का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास
- 19वीं सदी में खड़ी बोली का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास
- हिंदी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकरण
- स्वाधीनता संघर्ष के समय राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का विकास
- भारत संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी का विकास
- हिंदी का तकनीकी एवं क्रायोजेनिक विस्तार
- हिंदी की प्रमुख बोलियां और उनका पारंपरिक संबंध
- मानक हिंदी की व्याकरणिक संरचना
- झारखंड की भाषाओं और बोलियों का सामान्य परिचय
- हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा
- हिंदी साहित्य के प्रमुख कालो:- आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल, आधुनिक काल, की प्रमुख साहित्य प्रवृतियां
- हिंदी गद्य का विकास और 19 वीं सदी का नवजागरण
- आधुनिक हिंदी कविता की प्रमुख प्रवृत्तियां:- छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, समकालीन कविता, नवजीत, गजल,
- हिंदी उपन्यास की परंपरा और यथार्थवाद
- हिंदी कहानी का विकास और प्रमुख कहानीकार
- हिंदी नाटक की परंपरा और हिंदी रंगमंच
- हिंदी में आलोचना का विकास और प्रमुख आलोचक
- हिंदी गद्य की अन्य विधाएं जैसे स्मरण ललित निबंध आत्मकथा व्यंग लघुकथा
- और झारखंड का हिंदी साहित्य
पद्य कृतियाँ
- कबीर:- कबीर ग्रंथावली (संपादक- श्याम सुंदर दास) प्रारंभिक 100 पद
- सूरदास:- भ्रमरगीत सार (संपादक- रामचंद्र शुक्ल प्रारंभिक) 200 पद
- तुलसीदास:- रामचरितमानस- अयोध्या कांड, कवितावली- उत्तरकांड
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला:- राग विराग (संपादक- रामविलास शर्मा) राम की शक्ति पूजा, और सरोज स्मृति
- जयशंकर प्रसाद:- कामायनी (चिंता, श्रद्धा, और लज्जा सर्ग)
- रामधारी सिंह दिनकर:- कुरुक्षेत्र
पद्य कृतियाँ
- भारतेंदु हरिश्चंद्र:- भारत दुर्दशा
- जयशंकर प्रसाद:- स्कंद गुप्त
- मोहन राकेश:- आषाढ़ का एक दिन
- प्रेमचंद:- गोदान
- फणीश्वर नाथ रेणु:- मैला आंचल
- प्रेमचंद्र:- मानसरोवर भाग-1
- रामचंद्र शुक्ल:- चिंतामणि भाग- 1 भाग और मनोविकार, श्रद्धा, और भक्ति, लोभ, और प्रीति, कविता क्या है, काव्य में लोकमंगल, की साधनावस्था।
JSSC PGT English syllabus 2023
A. Detailed study of a literary age (19th century).
This part will cover the study of English literature from 1798 to 1900 with special reference
to the works of Wordsworth. Coleridge, shall, Keats, Lamb, Hazlitt, Thackeray, Dickens,
Tennyson, Robert Browning Arnold, George Eliot, Caryle Ruskin, Pater.
B. Evidence of first–hand reading will be required. The questions will be designed to test not
only the candidate’s knowledge of the authors prescribed but also their understanding of
the main literary trends during the period. Questions having a bearing on the social and
cultural background of the period may be included.
C. This part will require first-hand reading of the texts prescribed and will be designed to test
the candidate’s critical ability.
- Shakespeare: As you like it; Henry IV Parts I, II: Hamlet, The Tempest.
- Milton: Paradise Lost.
- Jane Austen: Emma
- Wordsworth: The Prelude
- Dickens: David Copperfield.
- George Eliot: Middlemarch
- Hardy: Jude the Obscure.
- Yeats: Easter 1916.
- The Second Coming: Byzantium.
- A Prayer for My Daughter: Leda and the Swan Sailing to Byzantium: Menu.
- The Tower: Among School Children: Lapois Lazudili.
- Eliot: The Waste Land
- D.H. Lawrence : The Rainbow
JSSC PGT Sanskrit syllabus 2023
- संस्कृत भाषा का उद्भव और विकास (भारतीय यूरोपीय से मध्य भारतीय आर्य भाषाओं तक) केवल सामान्य रूप रेखा।
- साहित्य के इतिहास का साधारा झान साहित्य समीक्षा के प्रमुख सिद्धान्त। महाकाव्य नाटक, गद्य काव्य, गीतिकाव्य और संग्रह-ग्रंथ आदि साहित्यिक विधाओं का उद्भव और विकास।
- प्राचीन भारतीय संस्कृति और दर्शन जिसमें वर्णाश्रम व्यवस्था, संस्कार और प्रमुख दार्शनिक प्रवृत्तियों पर विशेष बल दिया जाए।
- निम्नलिखित कृतियों का सामान्य अध्ययन (1) काठोपनिषद् (2) भगवद्गीता (3) बुद्धचरितम (अश्वघोष) (4) स्वप्न बासवदत्तम्- (भाष) (5) अभिज्ञानशाकुन्तलम् (कालिदास) (6) मेघदूतम् (कालिदास) (7) रघुवंशम् (कालिदास) (8) कुमारसंभवम् (कालिदास) (9) मृच्छकटिकम् (शुदक) (10) किराताजुनीयम (भारवि) (11) शिशुपाल वधम् (माध) (12) उत्तर रामचरितम् (भवभूति) (13) मुद्राराक्षस (विशाखा दत्त) (14) नेषधवरितम् (श्रीहर्ष) (15) राज तरंगिणी (कल्हण) (16) नीतिशतकम् (भतृहरि) (17) कादम्बरी (वाणभट्ट) (18) हर्षचरितम् (वाणभट्ट) (19) दशंकुमारचरितम (दण्डी) (20) प्रबोध चन्द्रोदयम् (कृप्ले मिश्र)
केवल इन्ही ग्रंथों से प्रश्न पूछे जायेंगे। 1. कठोपनिषद् एक अध्याय – तृतीय बल्ली (श्लोक 10 से 15 तक)। 2. भगवद्गीता अध्याय 2 (श्लोक 13 से 25 तक)।
3. बुद्धचरित तृतीय सर्ग (श्लोक 1 से 10 तक)। 4. स्वप्न वासवदत्तम् (पृष्ठ अंक)। 5. अभिज्ञान शाकुन्तलम् (चतुर्थ अंक)। 6. मेघदूतम् (प्रारंभिक श्लोक 1 से 10 तक)। 7. किरतार्जुनीयम् (प्रथम सग)। 8. उत्तर रामचरितम् (तृतीय अंक)। 9. नीतिशकम् (श्लोक 1 से 10 तक)। 10. कादम्बरी (शुकनासोपपेश)। 11. कौटिल्य अर्थशास्त्र – प्रथम अधिकरण, प्रथम प्रकरण-दूसरा अध्याय शीर्षक विधासमृददेसाह, तत्र अनविकसिकी स्थापना तथा सातवों प्रकरण-ग्यारहवाँ अध्याय शीर्षक गू धूरशेत्पतिप निर्धारित संस्करण और पी कांगल कौटिल्य अर्थशास्त्र भाग (1) एक आलोचनात्मक संस्करण मोतीलाल बनारसी दास दिल्ली -1986)।
JSSC PGT Economics syllabus 2023
- अर्थव्यवस्था का ढाँचा, राष्ट्रीय आय का लेखीकरण ।
- आर्थिक विकल्प (Economical Choice) – उपभोक्ता व्यवहार – उत्पादक व्यवहार और बाजार के रूप।
- निवेश सम्बन्धी निर्णय तथा आय और रोजगार का निर्धारण आय, वितरण और वृद्धि के समृद्ध आर्थिक प्रतिरूप।
- बैंक व्यवस्था योजनाबद्ध विकासशील अर्थव्यवस्था के केन्द्रीय बैंक व्यवस्था के उद्देश्य और साधन तथा साख सम्बन्धी नीतियाँ। झारखण्ड के वाणिज्य बैंकों के क्रियाकलाप।
- करों के प्रकार और अर्थव्यवस्था के बजटीय और राजकोषीय नीति के उद्देश्य और साधन।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रशुल्क पद्धति, विनिमय दर, अदायगी शोध, अतर्राष्ट्रीय मुद्रा व बैंक संस्थान।
- भारतीय अर्थव्यवस्था, भारतीय अर्थ नीति के निदेशक सिद्धांत, योजनाबद्ध वृद्धि और वितरण न्याय-गरीबी का उन्मूलन। भारतीय अर्थव्यवस्था का संस्थागत ढाँचा-संघीय शासन संरचना-कृषि औद्योगिक क्षेत्र, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, राष्ट्रीय आय, उसका क्षेत्रीय और क्षेत्रीय वितरण कहाँ-कहाँ और कितनी।
- कृषि उत्पादन-कृषि नीति-भूमि सुधार-प्रौधोगिकीय परिवर्तन-औद्योगिक क्षेत्र से सह-सम्बन्ध।
- औद्योगिक उत्पादन-औद्योगिक नीति। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र क्षेत्रीय वितरण-एकाधिकार प्रथा का नियंत्रण और एकाधिकार ।
- कृषि उत्पादों और औद्योगिक उत्पादों के मूल्य निर्धारण सम्बन्धी नीतियाँ अधिप्राप्ति और सार्वजनिक वितरण।
- बजट की प्रवृत्तियाँ और राजकोषीय वितरण।
- मुद्रा और साख प्रवृत्तियाँ और नीति-बैंक व्यवस्था और वित्तीय संस्थाएँ।
- वदेशी व्यापार और अदायगी कोष।
- भारतीय योजना-उद्देश्य, व्यूह, रचना अनुभव और समस्याएँ।
- झारखण्ड की अर्थ व्यवस्था :- कृषि एवं उद्योग के सापेक्षिक स्थान, आर्थिक विकास के मार्ग की रूकावटें, गरीबी एवं बेरोजगारी, भूमि सुधार की प्रगति।
JSSC PGT Geography syllabus 2023
- भू- आकृति
- जलवायु विज्ञान
- मृदा तथा वनस्पति
- समुद्र विज्ञान
- मानव तथा आर्थिक भूगोल
- मानव भूगोल
- बस्ती भूगोल
- राजनीतिक भूगोल
- आर्थिक भूगोल
- भारत का भूगोल
- प्राकृतिक पहलू
- मानवीय पहलू
- साधन कृषि उद्योग परिवहन और व्यापार बस्तियां
- क्षेत्रीय विकास का आयोजन
- झारखंड का भूगोल
- प्रमुख खनिज
- प्रमुख उद्योग
- झारखंड की जनसंख्या
- विश्व का भूगोल
- बृहद प्राकृतिक क्षेत्र
- विकसित क्षेत्रों की क्षेत्रीय भूगोल
- विकासशील देशों के क्षेत्रीय भूगोल
- भूगोल की तकनीकें जैसे मानचित्र
- दुरुस्त संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली ऐसी तमाम भूगोल से आधारित प्रश्नों को पूछा जाता है जो भूगोल के टीचर्स के लिए होता है।
JSSC PGT Teacher History Syllabus 2023
Jharkhand PGT teacher की परीक्षा में इतिहास के महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं नीचे लिखे टॉपिक से आप समझ सकते हैं।
Section-A
- Sources and approaches to study of early Indian history.
- Early pastoral and agricultural communities. The archaeological evidence.
- The Indus Civilization; its origins, nature, and decline.
- Patterns of settlement, economy, social organization, and religion in India (c. 2000 to 500
B.C.) : archaeological perspectives. - Evolution of north Indian society and culture: evidence of Vedic texts (Samhitas to Sutras).
- Teachings of Mahavira and Buddha. In contemporary society, the early phase of state formation
and urbanization. - Rise of Magadha; the Mauryan empire. Ashoka‘s inscriptions; his dhamma nature of the
Mauryan state. - The post-Mauryan period in Northern and Peninsular India; Political and Administrative History,
Society, economy, culture, and religion. Tamilaham and its society; the Sangam texts. - India in the Gupta and post-Gupta period (to c.750); Political history of northern and
peninsular India, Samanta system and changes in political structure; economy; social
structure; culture; religion. - Themes in early Indian cultural history; languages and texts; major stages in the evolution
of art and architecture, major philosophical thinkers and schools; ideas in science and
mathematics.
Section-B - India, 750-1200; Polity, society, and economy. Major dynasties and political structures in
North India. Agrarian structures. : Indian feudalism; Rise of Rajputs. The Imperial Cholas and
their contemporaries in Peninsular India. Village communities in the South. Conditions for
women. Commerce mercantile groups and guilds; towns. The problem of coinage. The Arab conquest
of Sind; the Ghaznavide empire. - India, 750-1200: Culture, Literature, Kalhana, historian. Styles of temple architecture;
sculpture. Religious thought and institutions; Sankaracharya’s events. Ramanuja. Growth
of Bhakti, Islam, and its arrival in India. Sufism. Indian science. Alberuni and his study of
Indian science and civilization. - The 13th Century. The Ghorian invasions. Factors behind Ghorian success. Economic social
and cultural consequences. Foundation of Delhi Sultanate. The “Slave” Dynasty.
Illtutmish; Balban. “The Khalji Revolution”. Early Sultanate architecture. - The 14th Century. Alauddin Khalji’s conquests; were agrarian and economic measures.
Muhammad Tughluq’s concessions and public works. The decline of the Sultanate. Forcing
contacts; Ibn Battuta. - Economy society and culture in the 13th and 14th centuries. Caste and slavery under
the sultanate. Technological changes. Sultanate architecture. (Persian literature: Amir Khusrau,
Historiography; Ziya Barani, Evolution of a composite culture. Sufism in North India.
Lingayats. Bhakti schools in the south. - The 15th and early 16th Century (Political History) Rise of Provincial Dynasties; Bengal,
Kashmir (Zainul Abedin), Gujarat, Malwa, Bahmanids. The Vijayanagara Empire. Lodis,
Mughal Empire. First phase: Babur, Humayun. The Sur Empire. Sher Shah’s administration.
The Portuguese colonial enterprise. - The 15th and early 16th Century (society, economy, and culture). Regional cultures and
literature, provincial architectural styles. Society, culture, literature, and the arts in
Vijayanagara Empire. Monotheistic movements: Kabir and Guru Nanak. Bhakti
Movements: Chaitanya. Sufism in its pantheistic phase. - Akbar: His conquests and consolidation of empire. Establishment of jagir and manual
systems. His Rajput policy. Evolution of religious and social outlook. Theory of Sulh-i-kul and
religious policy. Abul Fazl. thinker and historian. Court patronage of art and technology. - Mughal Empire in the 17th Century. Major policies (administrative and religious) of Jahangir.
Shahjahan and Aurangzeb. The Empire and the Zamindars. nature of the Mughal state. Late
17th Century crisis: Revolts. The Ahom kingdom, Shivaji, and the early Maratha kingdom. - Economy and Society, 16th and 17th Centuries. Population. Agricultural and craft
production. Towns, commerce with Europe through Dutch, English, and French
companies – a “trade revolution”. Indian mercantile classes, banking, insurance, and credit
systems. Conditions of peasants, famines. Condition of Women. - Culture during the Mughal Empire. Persian literature (including historical works) Hindi and
religious literature. Mughal architecture. Mughal painting. Provincial schools of architecture
and painting. Classical music. Science and technology. Sawai Jai Singh, astronomer. Mystic
eclecticism: Dara Shukoh. Vaishnav Bhakti. Maharashtra Dharma. Evolution of the Sikh
community (Khalsa). - The first half of the 18th Century: Factors behind the decline of the Mughal Empire The regional
principalities (Nizam’s Deccan, Bengal, Awadh). The rise of Maratha ascendancy under the
Peshwas. The Maratha fiscal and financial system. The Emergency of Afghan Power. Panipat, - Internal weakness political cultural and economic, in the eye of the British conquest.
Section-C - Establishment of British rule in India: Factors behind British success against Indian powersMysore. Maratha Confederacy and Punjab as major powers in resistance; Policy as
subsidiary Alliance and Doctrine of Lapse. - Colonial Economy: Tribute system. The drain of wealth and “de-industrialization, Fiscal
pressures and revenue settlements (Zamindari, Ryotwari and Mahalwari settlements);
Structure of the British raj up to 1857 (including the Acts of 1773 and 1784 and
administrative organization). - Resistance to the colonial rule: Early uprisings; Causes, nature and impact of the Revolt of 1857;
Re-organization of the Raj, 1858 and after. - Socio-cultural impact of colonial rule: Official social reform measures (1828-57); OrientalistAnglicist controversy; coming of English education and the press; Christian missionary
activities; Bengal Renaissance; Social and religious reform movements in Bengal and other
areas; Women as the focus of social reform. - Economy 1858-1914: Railway; Commercialisation of Indian agriculture; Growth of landless
labourers and rural indebtedness; Famines; India as market for British industry; Customs
removal, exchange, and countervailing excise; Limited growth of the modern industry. - Early Indian Nationalism: Social background; Formation of national associations; Peasant
and tribal uprising during the early nationalist era; Foundation of the Indian National
Congress; The Moderate phase of the Congress; Growth of Extremism, The Indian Council
Act of 1909; Home Rule Movement; The Government of India Act of 1919. - The inter-war economy of India: Industries and the problem of Protection; Agricultural distress; the
Great Depression; Ottawa agreements and Discriminatory Protection; the growth of trade
unions; The Kisan Movement; The economic program of the Congress ‘Karachi resolution,
1931’. - Nationalism under Gandhi’s leadership: Gandhi’s career, thought, and methods of mass
mobilization; Rowlatt Satyagraha, Khilafat-Non Co-operation Movement. Civil Disobedience
Movement. 1940 Satyagraha and Quit India Movement, State People’s Movement. - Other strands of the National Movement:
a) Revolutionary movements since 1905; (b) Constitutional politics; Swarajists. Liberals,
Responsive Cooperation; (c) Ideas of Jawahar Lal Nehru, (d) The Left (Socialists and
Communists); (e) Subhas Chandra Bose and the Indian National Army; (f) Communal strands
: Muslim League and Hindu Mahasabha; (g) Women in the national movement. - Literary and cultural movements: Tagore, Premchand, Subramanyam Bharati, Iqbal as
examples only; New trends in art; Film industry; Writers Organisations and Theatre
Associations. - Towards Freedom: The Act of 1935; Congress Ministries, 1937-1939; Pakistan
Movement; Post-1945 upsurge (RIN Mutiny, Telangana uprising, etc.,); Constitutional
Negotiations and the Transfer of Power, 15 August 1947). - The first phase of Independence (1947-64): Facing the consequences of Partition; Gandhiji’s
murder; economic dislocation; Integration of States; The democratic constitution, 1950;
Agrarian reforms; Building an industrial welfare state; Planning and industrialization; Foreign
the policy of Non-alignment; Relations with neighbours. - Enlightenment and Modern Ideas:
- Renaissance Background
- Major Ideas of Enlightenment: Kant, Rousseau
3 Spread of Enlightenment outside Europe - Rise of socialist ideas (to Marx)
- Origins of Modern Politics;
- European States System
- American Revolution and the Constitution.
- French Revolution and aftermath. 1789-1815.
- British Democratic Politics, 1815-1850, Parliamentary Reformers, Free Traders, chartists.
- Industrialization:
- English Industrial Revolution: Causes and Impact on Society
- Industrialization in other countries; USA, Germany, Russia, Japan
- Socialist Industrialization: Soviet and Chinese.
- Nation-State System:
- Rise of Nationalism in the 19th century
- Nationalism: State-building in Germany and Italy
- The disintegration of Empires through the emergence of nationalities.
- Imperialism and Colonialism:
- Colonial System (Exploitation of New World, Trans-Atlantic Slave Trade, Tribute from Asian
Conquests - Types of Empire; of settlement and non-settlement: Latin America, South Africa, Indonesia,
Australia. - Imperialism and Free Trade; The New Imperialism
- Revolution and Counter-Revolution:
- The Russian Revolution of 1917-1921
- 19th Century European revolutions
- Fascist Counter-Revolution, Italy and Germany.
- The Chinese Revolution of 1949
- World Wars:
- 1st and 2nd World Wars as Total Wars: Societal Implications
- World War I: Causes and Consequences
- World War II: Political Consequence
- Cold War:
- The emergence of two Blocks
- Integration of West Europe and US Strategy: Communist East Europe
- The emergence of Third World and Non-Alignment
- UN and Dispute Resolution
- Colonial Liberation:
- Latin America-Bolivar
- Arab World-Egypt
- Africa-Apartheid to Democracy
- South-East Asia-Vietnam
- Decolonization and Underdevelopment:
- Decolonization: Break up of colonial Empires: British, French, Dutch
- Factors constraining Development: Latin America, Africa
- Unification of Europe:
- Post-War Foundations: NATO and European Community
- Consolidation and Expansion of European Community/European Union.
- Soviet Disintegration and the Unipolar World:
- Factors in the collapse of Soviet communism and the Soviet Union, 1985-1991
- Political Changes in East Europe 1989-1992
- End of the Cold War and US ascendance in the World
- Globalization
JSSC PGT Physics Syllabus
झारखंड PGT Teacher फिजिक्स टीचर के लिए सिलेबस फिजिक्स के कई चैप्टर से लिया जाता है अर्थात फिजिक्स के अलग-अलग चैप्टर के प्रश्न पूछे जाते हैं जो नीचे दिए गए चैप्टर के माध्यम से आप समझ सकते हैं।
- Mechanic
- Thermal physics and wave and oscillations
- Electricity and magnetism
- Modern physics electronic
JSSC PGT Teacher Chemistry Syllabus
Jharkhand JSSC PGT teacher chemistry परीक्षा में प्रश्न पत्र में केमिस्ट्री से जुड़े इन सभी चैप्टर से आप से प्रश्न पूछे जाएंगे यानी जिस भी विषय के आप टीचर की परीक्षा देंगे उन विषय के हर चैप्टर से मुख्य परीक्षा के दूसरा प्रश्न पत्र में पूछा जाएगा।
- Atomic structure periodic properties and chemical bonding
- Gaseous States
- Solid state
- Thermodynamics
- Chemical kinetics and catalysis
- Electrochemistry
- Transition and inner transition metals and complexes
- Non aqueous solvents
- Photochemistry
- Hard and soft arids and bases
- Structure and binding
- Mechanism of organic reactions
- Stereochemistry of organic compounds
- Oreganometallic compound
- Organic synthetic via enolates
- Carbohydrates
- Polymers
- Study of following type of organic compounds
- Study of some reactions
- Spectroscopy
JSSC PGT Math Syllabus
झारखंड JSSC PGT Teacher मैथ के टीचर के लिए आपका परीक्षा का सिलेबस कुछ इस प्रकार से होता है यानी मैथ से जुड़े हर चैप्टर से प्रश्न को कवर किया गया होता है।
- Linear algebra
- Calculus
- Analytic geometry
- Ordinary Differential Equation
- Dynamics statics and hydrostatics
- Vector analysis
- Algebra
- Complex analysis
- Operation research
- Mathematical modelling
- Partial differential equation
- Probability
- Mechanics and fluid dynamics
- Discrete mathematics
- Logic
JSSC PGT Commerce Syllabus
झारखंड JSSC PGT Teacher कॉमर्स टीचर्स के लिए परीक्षा में कॉमर्स विषय से जुड़े इन टॉपिक्स से प्रश्न पूछे जाएंगे जो इस प्रकार से टॉपिक्स हैं।
- Accounting as a financial information system
- Important provision of the Income Tax Act 1961
- Nature and functions of cost accounting
- Significance of the attest function
- Concept and scope of financial management
- Organization and deficiency of Indian money market structure of assets and liabilities of commercial banks
- Provision of the Negotiable Instruments Act 1881
- Crossing and endorsements of particular reference to statutory protection to the playing collecting bankers
- Organization theory and industrial relation
- Organization theory
- Nature and concept of organization
- Evolution of organization theory
- Industrial Relation
- Prevention and settlement of industrial disputes in India
Jharkhand PGT teacher syllabus ऐसे ही अलग-अलग विषयों के टीचर के रूप में भर्ती होने के लिए आपसे मुख्य परीक्षा का दूसरा प्रश्न पत्र आपके सिलेबस से जुड़ा होगा इन सिलेबस को अलग-अलग चैप्टर वाइज यहां पर बताया गया है की हर एक विषय के अलग-अलग चैप्टर से प्रश्न पूछे जाएंग PGT Teacher यदि आपको अभी भी कोई भी डाउट है तो आप कमेंट में लिखकर हमें जरूर बताइएगा।
JSSC PGT Teacher Previous year question paper
Jharkhand PGT teacher का Previous Question Paper यहां से आप डाउनलोड कर सकते हैं। यदि आप झारखंड या किसी भी अन्य राज्यों के लिए पोस्ट ग्रैजुएट टीचर के भर्ती की तैयारी कर रहे हैं तो आपको इन मॉडल्स पेपर को सॉल्व जरूर करना चाहिए। जिससे आपको इसी एक अंदाजा लग जाएगा कि आप कितने प्रश्न को हल कर पा रहे पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के लिए हम यहां पर आपको कुछ मॉडल पेपर यानी प्रीवियस मॉडल पेपर दे रहे हैं जिसको आप डाउनलोड करके इसको सॉल्व कर सकते हैं।
Question Papers: | PDF: |
JSSC PGT Teacher English Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher GN & Hindi language Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher PGT GN & Hindi language- 2 Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher Math Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher Sanskrit Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher Science Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher Social Science Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher gk Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher Math paper 2 Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher History Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher Economics Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher Physics Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher Economics-2 Previous Question Paper With answer key | Download Now |
JSSC PGT Teacher Commence Previous Question Paper With answer key | Download Now |
IMPORTANT:-
और हा मैं आपको यह भी जानकारी दे दु की यदि आप ऐसे सभी भर्ती,जॉब,एडमिट कार्ड, जैसी सभी सेवाओं का लाभ भविष्य में चाहते है, तो हमारे Telegram को अभी join कर लिजिए। धन्यवाद!
ये भी पढ़े:-
झारखंड पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स की निकली भर्ती 2023:- यहां पर करें आवेदन
राजस्थान हाईकोर्ट में क्लर्क और असिस्टेंट के लिए भर्ती निकली है:- यहां पर आवेदन करें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
PGT टीचर की तैयारी कैसे करें?
PGT टीचर की तैयारी आपकों कुछ इस प्रकार करना चाहिए: जैसे आपको GK, कर्रेंट अफेयर्स , समसामयिक विषयों का अध्ययन, और आप जिस सब्जेक्ट के टीचर बनाना चाहते है उसका जैम कर तैयारी ऐसा की लगे आप उस सब्जेक्ट के कीड़ा है।
PGT टीचर बनने के लिए क्या क्या आवश्यक है?
सबसे पहले आपको किसी भी विषय से पोस्ट ग्रेजुएट करें कम से कम 50% नम्बरों से उसके बाद B.Ed or M.Ed
PGT टीचर की सैलरी की ठानी होती है?
PGT यानी पोस्ट ग्रेजुएट टीचर की सैलरी एक महीने की 48,000 से लेकर 1,15,000 तक हो सकती है।
PGT टीचर की भर्ती कब आती है?
PGT टीचर की भर्ती साल के मई महीने से लेकर सितंबर के महीने में आती है। और यदि आपको सबसे पहले भर्ती के बारे में जानना है तो आप हमारे वेबसाइट पर विजिट जरूर करे।