ISRO Mission Chandrayaan 3: Mission Chandrayan-3 यह मिशन Chandrayaan-2 का संस्करण मॉडल है, यानी इसे हम एक अपग्रेडेड वर्जन भी कह सकते हैं, Chandrayaan-3 Launch Date? चंद्रयान के सभी प्रेमियों को या ज्ञात होगा कि, Chandrayaan-2 मिशन चंद्रमा तक पहुंचने में तो सफल रहा लेकिन वह अपने अंतिम क्षण में जिस कार्य के लिए Chandrayaan-2 को भेजा गया था। उसमें वह असफल हो गया था Chandrayaan-2 के सफलता को लेकर पूरी दुनिया ने इसरो को लोहा माना था।
क्योंकि इसरो ने पहले प्रयास में ही चंद्रमा की कक्षा में अपनी सफल पहुंच बना ली और आज भी उसका ऑर्बिटर काम कर रहा है। जिसको लेकर पूरी दुनिया में इसरो ने खूब वाहवाही कमाई तो आइए जानते हैं मिशन चंद्रयान 3 कब लांच होगा? Chandrayaan-3 ka Budget? Chandrayaan-3 Full Details in Hindi? और सबकुछ।
Mission Chandrayaan 3 की सम्पूर्ण जानकारी
इसरो का मिशन चंद्रयान 3 इसी साल 2023 में जुलाई के महीने में लॉन्च व्हीकल LVM3 से SDSC SHAR, Sriharikota से लॉन्च किया जाएगा. यह जानकारी इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया है हालांकि यह तिथि आगे भी बढ़ सकती है आगे बढ़ने का कारण यह हो सकता है मौसम और कुछ तकनीकी बाधाएं जिनके बजे से मिशन को आगे टाला जा सकता है हालांकि सोमनाथ ने क्लियर बताया है कि इस मिशन को जुलाई महीने में लॉन्च किया जाएगा।
Chandrayaan-3 Mission चंद्रयान 2 का अनुवर्ती मिशन है, जो कार्य chandrayaan-2 मिशन करने में असफल हो गया था उचित कार्य को पूरा करने के लिए Chandrayaan-3 को तैयार किया गया है। यह मिशन चंद्र मिशन का तीसरा संस्करण मॉडल Chandrayaan-3 है।
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संस्था का नाम | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो |
ऑपरेटर | इसरो |
अधिकारिक वेबसाइट | www.isro.gov.in/Chandrayaan3_New.html/ |
मिशन की अवधि | 1- विक्रम लैंडर: ≤ 14 दिन (योजनाबद्ध) 2- Pragyan रोवर: ≤ 14 दिन (योजनाबद्ध) |
पेलोड | पॉपुलेशन माड्यूल, लैंडर, रोवर |
द्रव्यमान | कुल: 3900 किलोग्राम |
लॉन्च डेट | 14 जुलाई 2023, 14:30 IST, 9:00 UTC |
रॉकेट | LVM3 (GSLV Mk III) |
लॉन्च साइट | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
लैंडिंग की तारीख | 24 अगस्त 2023 |
लैंडिंग स्थल | 69.367621 S, 32.348126 E |
चंद्रयान-3 की कुल लागत | 615 करोड रुपए से अधिक |
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स्टेप 1:- सबसे पहले मिशन चंद्रयान 3 को LVM3 लॉन्च व्हीकल रॉकेट से लांच किया जायेगा।
स्टेप 2:- कुछ घण्टो के बाद चंद्रयान-3 धरती के ऑर्बिट में इंजेक्ट किया जाएगा यह काम पूरा होने के बाद चंद्रयान- 3 धरती के ऑर्बिट में चक्कर लगाना सुर कर देगा, जैसा कि आप चित्र में दर्शाया गया है।
स्टेप 3:- धरती के कक्षा में Chandrayaan-3 तब तक चक्कर लगाएगा जब तक कि चंद्रमा धरती के सबसे करीब न आ जाए।
स्टेप 4:- जैसे ही चंद्रमा धरती के सबसे करीब आ जाएगा उसके बाद चंद्रयान 3 के प्रोपल्शन माड्यूल यानी इंटीग्रेटेड मॉड्यूल फेस स्टार्ट होगा और वह उसकी मदत से धरती के कक्षा से चंद्रमा के ऑर्बिट (कक्षा) में प्रवेश करेगा।
स्टेप 5:- आज चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते लगाते धीरे-धीरे चंद्रमा के करीब पहुंचेगा जोकि प्रोपल्शन मॉड्यूल के द्वारा चंद्रमा के मैग्नेटिक फील्ड और चंद्रमा के सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा।
स्टेप 6:- चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर ही पॉपुलेशन माड्यूल लैंडर से अलग हो जाएगा जिसके बाद लेंडर की पूरी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
स्टेप 7:- लैंडर धीरे धीरे चंद्रमा की सतह की ओर आगे बढ़ेगा और चंद्रमा के करीब धीरे-धीरे पहुंचेगा इस प्रक्रिया में मिशन चंद्रयान 3 लैंडर चंद्रमा की सतह की बारीकी से जांच करेगा जिसमें वह उबड़ खाबड़ स्थलों को तापमान को भूकंप की गतिविधि को और अन्य महत्वपूर्ण जांच करेगा जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लेंडर को सुरक्षित और नरम लैंडिंग करा सकता है
स्टेप 8:- चंद्रयान-3 का लैंडर जैसे ही चंद्रमा की सतह से 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाएगा तो उसे अपने स्पीड को धीरे-धीरे कम करना होगा और चंद्रमा की सतह के बिल्कुल करीब पहुंचना है उसके बाद सतह पर नरम वह सुरक्षित लैंडिंग होगा।
स्टेप 9:- चंद्रयान- 3 अब फाइनली चंद्रमा की सतह पर लैंड हो चुका होगा अब कुछ देर बाद लैंडर से रोवर बाहर निकलेगा जो चंद्रमा की सतह पर घूमते हुए प्रदर्शित करेगा।
Chandrayaan-3 चंद्रमा पर पहुंचने के बाद क्या करेगा
तो आपने यहां समझा कि चंद्रयान मिशन 3 को कैसे लांच किया जाएगा और चंद्रमा तक कैसे यह मिशन पहुंचेगा सफलतापूर्वक पहुंचने के बाद वहां पर धरती के 14 दिन के बराबर और चंद्रमा पर 1 दिन गुजारे गा।
जिसके दौरान रूबर में लगे वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा की सतह पर धरती जैसे जीवन को लेकर कई महत्वपूर्ण जांच करेंगे जिसमें यह देखा जाएगा कि क्या चंद्रमा की सतह पर पानी और ऑक्सीजन मौजूद है क्या वहां पर धरती जैसे जीवन बचाया जा सकता है और भी अन्य वैज्ञानिक खोज किए जाएंगे।
Chandrayaan-3 के मुख्य पेलोड
भारतीय चंद्र मिशन चन्द्रयान-3 के साथ मुख्य 2 पेलोड भेजे जा रहे है। जिसका नाम 1. लैंडर, 2. रोवर जबकि मिशन चंद्रयान-2 में तीन पेलोड बेजा गया था, आर्बिटर, लैंडर, रोवर,
लैंडर पेलोड का मुख्य उद्देश्य
चंद्रमा की सतह पर लैंडर पेलोड तापीय चालकता तापमान और थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट इस खास (CheSTE) इंस्ट्रूमेंट के जरिए करेगा। साथ ही लैंडिंग स्थल के आस पास होने वाले भूकंप गतिविधि को मापने के लिए (ILSA) Instrument for Lunar Seismic Activity का प्रयोग किया गया है, इसने प्लाज्मा घनत्व और इसकी और भी वैराइटीज के अनुमान लगाने के लिए Langmuir Prob (LP) को लगाया गया है।
लैंडर में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के द्वारा तैयार किया गया Laser Retroreflector Array (LRA) का प्रयोग चंद्रमा के लेजर रेजिंग का अध्ययन करने के लोए उपयोग किया गया है।
रोवर पेलोड का मुख्य उद्देश्य
Chandrayaan-3 Rover में कई ऐसे वैज्ञानिक इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल किया गया है जोकि लैंडिंग स्थल के आसपास सभी मौलिक संरचनाओं को प्राप्त करेंगे जैसे वहां की स्ट्रक्चर पार्टिकल्स और अन्य जानकारी जिनमें अल्फा पार्टिकल x-ray स्पेक्ट्रोमीटर (ILSA) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) का इस्तेमाल किया गया है।
इसरो के अनुसार चंद्रयान-3 के मुख्य उद्देश्य (Main objectives of Chandrayaan-3)
ISRO के अनुसार मिशन चंद्रयान 3 का मुख्य उद्देश्य तीन प्रकार का है। जिसको चंद्रयान-2 पूरा नही कर सका।
- चांद की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग करना।
- रोवर को चंद्रमा की सतह पर चलाकर प्रदर्शन करना।
- इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग करना।
- चंद्रमा की सतह पर 14 दिन गुजारना।
चंद्रयान 3 में लगाने वाले उपकरण (Chandrayaan-3 Instructions)
Parameter | Specifications |
---|---|
Mission Life (Lander & Rover) | One lunar day (~14 Earth days) |
Landing Site (Prime) | 4 km x 2.4 km 69.367621 S, 32.348126 E |
Science Payloads | Lander: 1. Radio Anatomy of Moon Bound Hypersensitive ionosphere and Atmosphere (RAMBHA) 2. Chandra’s Surface Thermo physical Experiment (ChaSTE) 3. Instrument for Lunar Seismic Activity (ILSA) 4. Laser Retroreflector Array (LRA) Rover: 5. Alpha Particle X-Ray Spectrometer (APXS) 6. Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) Propulsion Module: 7. Spectro-polarimetry of HAbitable Planet Earth (SHAPE) |
Two Module Configuration | 1. Propulsion Module (Carries Lander from launch injection to Lunar orbit) 2. Lander Module (Rover is accommodated inside the Lander) |
Mass | 1. Propulsion Module: 2148 kg 2. Lander Module: 1752 kg including Rover of 26 kg 3. Total: 3900 kg |
Power generation | 1. Propulsion Module: 758 W 2. Lander Module: 738W, WS with Bias 3. Rover: 50W |
Communication | 1. Propulsion Module: Communicates with IDSN 2. Lander Module: Communicates with IDSN and Rover. Chandrayaan-2 Orbiter is also planned for a contingency link. 3. Rover: Communicates only with Lander. |
Lander Sensors | 1. Lander:Radio Anatomy of Moon Bound Hypersensitive ionosphere 2. and Atmosphere (RAMBHA) 3. Chandra’s Surface Thermophysical Experiment (ChaSTE) 4. Instrument for Lunar Seismic Activity (ILSA) 5. Laser Retroreflector Array (LRA) Rover: 6. Alpha Particle X-Ray Spectrometer (APXS) 7. Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) Propulsion Module: 8. Spectro-polarimetry of HAbitable Planet Earth (SHAPE) |
Lander Actuators | Reaction wheels – 4 nos (10 Nms & 0.1 Nm) |
Lander Propulsion System | Bi-Propellant Propulsion System (MMH + MON3), 4 nos. of 800 N Throttleable engines & 8 nos. of 58 N; Throttleable Engine Control Electronics |
Lander Mechanisms | 1. Lander’s leg 2. Rover Ramp (Primary & Secondary) 3. Rover 4. ILSA, Rambha & Chaste Payloads 5. Umbilical connector Protection Mechanism, 6. X- Band Antenna |
Lander Touchdown specifications | 1. Vertical velocity: ≤ 2 m / sec 2. Horizontal velocity: ≤ 0.5 m / sec 3. Slope: ≤ 120 |
The objectives of scientific payloads planned on the Chandrayaan-3: chandrayaan3 के पेलोड में लगने वाले तीन मुख्य उपकरण
Propulsion Module Payload
प्रोपल्शन मॉड्यूल

Propulsion Module Payload | Objectives |
---|---|
Spectro-polarimetry of HAbitable Planet Earth (SHAPE) | Future discoveries of smaller planets in reflected light would allow us to probe into a variety of Exo-planets that qualify for habitability (or Presence of life). |
Lander Payload
लैंडर में लगे सभी महत्वपूर्ण उपकरण


Lander Payload | Objectives | |
---|---|---|
Chandra’s Surface Thermophysical Experiment (ChaSTE) | Langmuir probe (LP) | Radio Anatomy of Moon Bound Hypersensitive Ionosphere and Atmosphere (RAMBHA) |
It is a passive experiment to understand the dynamics of the Moon system. | To measure seismicity around the landing site and delineate the structure of the lunar crust and mantle. | |
Instrument for Lunar Seismic Activity (ILSA) | To carry out the measurements of thermal properties of the lunar surface near-polar region. | |
LASER Retroreflector Array (LRA) | It is a passive experiment to understand the dynamics of the Moon system. |
Rover Payload
रोवर में लगे सभी महत्वपूर्ण उपकरण:

Rover Payload | Objectives |
---|---|
LASER Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) | To determine the elemental composition (Mg, Al, Si, K, Ca, Ti, Fe) of Lunar soil and rocks around the lunar landing site. |
Alpha Particle X-ray Spectrometer (APXS) | To determine the elemental composition (Mg, Al, Si, K, Ca, Ti, Fe) of Lunar soil and rocks around the lunar landing site. |
अगर मिशन चंद्रयान 3 की चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग हो जाती है तो दुनिया का तीसरा चंद्रमा की सतह पर लेंडर भेजने वाला देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, मिशन चंद्रयान थी चंद्रमा के उस सतह पर उतरने वाला है जहां पर अभी तक किसी देश ने लैंडिंग नहीं की है इसलिए इस मिशन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई है कि आखिरकार भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो चंद्रमा के डार्क साइड आफ थे मून से क्या खोज कर निकालेगा।
सारांश:
इस लेख में हमने बताया है की मिशन चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर कैसे पहुंचेगा और इसमें कौन कौन से वैज्ञानिक उपकरण शामिल किए गए हैं chandrayaan-3 चंद्रमा की सतह पर पहुंच कर क्या करेगा कितने दिनों तक रहेगा संपूर्ण जानकारी को कवर किया है यदि आपका कोई सुझाव या कोई सवाल हो तो आप कमेंट में लिखकर हमें जरूर बताएं।
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अक्सर पूछे गए प्रश्न:
चंद्रयान 3 कब लॉन्च होगा
13 जुलाई 2023 को
चंद्रयान 3 का कितना लॉक लागत है
इसरो के मुताबिक ₹615 करोड़ से अधिक।
Chandrayaan-3 किस रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा?
Chandrayaan-3 को LBM3 (GSLV MK III) से।
Chandrayaan-3 चांद पर कब तक पहुंचेगा?
Chandrayaan-3 23 अगस्त 2023 तक चंद्रमा के सतह पर पहुंचेगा।
Chandrayaan 2 कब लांच हुआ था?
22 July 2019 को।
चंद्रयान 1 कब लांच हुआ था?
22 अक्टूबर 2008 को।