GS Questions in Hindi 2023: कम्पटेटिव एग्जाम के महत्वपूर्ण GS Questions in Hindi 2023 यहां पर आपको हर रोज आपको लेटेस्ट जनरल नॉलेज का ज्ञान मिलेगा जिसको आप डेट वाइज डेली पढ़ सकेंगे। यहां पर आपको दुनिया भर की लेटेस्ट GS Questions in Hindi 2023 जीके क्वेश्चन आंसर, और खेलकूद से जुड़ी सभी प्रकार की जनरल नॉलेज, UPSC करंट अफेयर्स, जीके, जनरल अवेयरनेस, जैसे सभी प्रश्न उत्तर जैसे GS Questions in Hindi 2023 आपको जानकारी मिलेंगे।
GS Questions in Hindi 2023
GS Questions in Hindi 2023 यहां पर हम आपको अपनी पूरी टीम के साथ कोशिश करते हैं। कि GS Questions in Hindi 2023 कि जो पिछले वर्षों के परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न होते हैं। GS 2023 Today Hindi GK Questions 2023
1 – हर्षवध्दर्न (वध्दर्न साम्राज्य)
16 वर्ष की अवस्था में हर्षवध्दर्न राज गद्दी पर बैठा उसने शिलादित्य की उपाधि ग्रहण की। वध्दर्न वंश की राजधानी थानेश्वर थी किंतु हर्ष ने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया। बाणभट्ट हर्ष का राज कवि था उसने हर्षचरित की रचना की हर्षवध्दर्न नागानन्द रत्नावली और प्रियदर्शिका नामक नाटकों की रचना की।
2 – पाल वंश
पाल वंश का संस्थापक गोपाल(750 ई.) था गोपाल के बाद उसका पुत्र धर्मपाल शासक बना धर्मपाल ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की उसकी राजधानी मुंगेर थी वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था। देव पाल इस वंश का शक्तिशाली शासक था जावा के शैलेंद्रवंशी शासक बाल पुत्र देव के अनुरोध पर देवपाल ने उससे नालंदा में एक बौद्ध विहार बनवाने के लिए 5 गांव दान में दिए थे।
3 – पल्लवन वंश
सिंह विष्णु(575-600 ई.) पल्लवन वंश का संस्थापक था उसकी राजधानी काची थी। महाबलीपुरम के रथ मंदिर का निर्माण नरसिंह वर्मन प्रथम ने करवाया था। कांची के कैलाश मंदिर का निर्माण नरसिंह वर्मन द्वितीय ने करवाया था पल्लवन वंश का अंतिम शासक अपराजित(879-897 ई.)था।
4 – राष्ट्रकूट
दंतीदुर्ग(752 ई.) ने राष्ट्रकूट वंश की स्थापना की। एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण कृष्ण प्रथम ने कराया था। ध्रुव धारा वर्ष प्रथम राष्ट्र कूट शासक था जिसने कन्नौज पर अधिकार करने हेतु त्रिपक्षीय संघर्ष में भाग लिया और प्रतिहार नरेश वत्सराज एवं पाल नरेश धर्मपाल को पराजित किया। राष्ट्रकूट की राजधानी मंनकीर या मान्यखेट थी इंद्र तृतीय के शासनकाल में और अरब यात्री अलमसुदी भारत आया। राष्ट्रकूट वंश का अंतिम महान शासक कृष्ण तृतीय था। एलोरा एलिफेंटा महाराष्ट्र गुहामंदिरों का निर्माण राष्ट्रकूटोके समय ही हुआ था।
5 – चालुक्य वंश (वातापी)
वातापी के चालुक्य वंश का संस्थापक पुलकेशिन प्रथम था बागलकोट (कर्नाटक) से प्राप्त महाकुंभ स्तंभ अभिलेख (595 ई.) में उसकी पूर्व दो शासकों जयसिंह तथा रणराग के नाम मिलते हैं परंतु उनके शासनकाल के नियम में हमें कुछ ज्ञात नहीं है इस वंश का सबसे प्रतापी राजा पुलकेशिन द्वितीय था। पुलकेशिन द्वितीय ने दक्षिणापथेश्वर तथा परमेश्वर की उपाधि धारण की थी।
ऐहोल अभिलेख रविकृर्ती द्वारा लिखित है मेंगुती जैन मंदिर का निर्माण (634 ई.) में रविकृर्ती ने करवाया था। यह वर्तमान कर्नाटक के बीजापुर जिले में स्थित है पल्लवन शासक नरसिंहवर्मन ने (642 ई.) में पुलकेशिन द्वितीय को हराकर वातापीकोड की उपाधि धारण की थी।
6 – चालुक्य वंश (कल्याणी)
कल्याणी के चालुक्य वंश की स्थापना तैलब द्वितीय ने की थी तैलब द्वितीय की राजधानी मान्यखेट थी। चालुक्यों का परिवारिक चिन्ह वाराह था। सोमेश्वर प्रथम ने कल्याणी (कर्नाटक) को राजधानी बनाया इस वंश का सबसे प्रतापी शासक विक्रमादित्य षष्ठ था। विल्हण एवं ज्ञानेश्वर विक्रमादित्य षष्ठ के दरबार में ही रहते थे। मिताक्षरा की रचना विज्ञानेश्वर ने तथा विक्रमांकदेवचरित की रचना विल्हण ने की थी।
7 – चोल साम्राज्य(9 वी-12 वी शताब्दी)
चोल वंश का संस्थापक विजयालय था इसकी राजधानी तंजौर था तंजावूर थी उसने नरकेसरी की उपाधि धारण की। राजराजा प्रथम ने उत्तरी श्रीलंका तथा मालदीव पर अधिकार कर लिया। राज राजा प्रथम ने तंजौर में राजराजेश्वर शिव मंदिर बनवाया। राजेंद्र प्रथम ने बंगाल अभियान के दौरान पाल शासक महिपाल को पराजित कर गंगैकोंडचोल की उपाधि धारण की राजेंद्र चोल ने विशाल नौसेना द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया में विजय अभियान कीये।
चोल शासक आधिराजेंद्र एवं जन विद्रोह में मारा गया था। वैष्णव संत रामानुजाचार्य कुलोत्तुंग प्रथम के समकालीन थे। चोल वंश का अंतिम शासक राजेंद्र तृतीय था। उत्तरमेरु अभिलेख (प्रान्तक 1) से स्थानीय स्वशासन की जानकारी मिलती है। स्थानीय स्वशासन चोल शासन की प्रमुख विशेषता थी चोल कालीन नटराज प्रतिमा चोल कला का सांस्कृतिक सार या निचोड़ माना जाता है।
8 – सेन वंश
सेन वंश की स्थापना समन्तसेन ने बंगाल में किसकी राजधानी नदियां (लखनौती)थी। सेन शासक बल्लालसेन ने कुलीन प्रथा चलाई थी। इसने दान सागर नामक पुस्तक की रचना की थी। लक्ष्मण सेन बंगाल का अंतिम हिंदू शासक था।
9 :- कश्मीर के राजवंश
सातवीं शताब्दी मे दुर्लभवध्दर्न नामक व्यक्ति ने कश्मीर में कार्कोट वंश की स्थापना की।कार्कोट वंश के महान शासक ललितादित्य मुक्तापीड़ ने मार्तण्ड मंदिर का निर्माण करवाया। 980 ई. मे उत्पल वंश की रानी दिददा ने कश्मीर पर शासन किया। कल्हण अपनी राजतरंगिणी का विवरण लोहार वंश के अंतिम शासक जयसिंह(1128-1155 ई.) के शासनकाल में समाप्त करता है।
10 – राजपूत वंश
अग्निकुल सिद्धांत के अनुसार प्रतिहार चालुक्य चौहान तथा परमार की उत्पत्ति आबू पर्वत पर वशिष्ठ के अग्निकुंड से हुई यह सिद्धांत चंद्रवरदाई के पृथ्वीराज रासो पर आधारित है।
11 – परमार वंश
इस वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक भोज था। भोजने त्रिभुवननारायण मंदिर का निर्माण कराया।
12 – चंदेल वंश
नन्नूक(831 ई.) ने चंदेल वंश की स्थापना की उसकी राजधानी खजुराहो थी। धंगदेव के शासनकाल में खजुराहो के कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण हुआ।।
13 – फिरोजशाह तुगलक
फिरोजशाह तुगलक 1391 इसमें में दिल्ली का सुल्तान बना उस उसने 24 कष्टदायक करो को समाप्त कर केवल चार कर खराज, खम्स, जजिया ब्राह्मणों पर भी एक जकात वसूल करने का आदेश दिया।
14 – मुबारक शाह खिलजी
पहला सुल्तान जिसने स्वयं को खलीफा घोषित किया। उसने खिलाफत उल- लह अल इमाम की उपाधि धारण की।
15 – बलबन
बलबन 1266 ई. में गद्दी पर बैठा ।अपने विरोधियों की समाप्ति के लिए उसने लौह रक्त की नीति अपनाई तथा चालीसा को समाप्त कर दिया।
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